सोमवार, 11 नवंबर 2013

ये कैसा प्रयोग किया ?

प्रियंवदे! तुम गए मुझ पर वियोग किया।
माँ पिता बहिन भाई सबसे संयोग किया।
हम रहे काम में व्यस्त पाप से योग किया।
क्षुद्र-विकारों से मानस का भोग किया।
दिन-रात तनावों ने श्वासों का रोग दिया।
दूर हमीं से जाकर -- ये कैसा प्रयोग किया ?