रविवार, 9 मई 2010

आपका विश्वास

चलो लो आ ही गया पास.
आपको था इतना विश्वास—

"कभी तो दो नयनों की बात
समझ में आयेगी, बरसात
हुवेगी, बोलेगी कोयल
ह्रदय में फूटेगी कोंपल
कामनाओं की, जिसमें से
किरण झाँकेगी आशा की,
मौनमयी मेरी भाषा की
समझ आयेगी सारी बात
आपका ह्रदय सारी रात
करेगा मिलने की ही बात."
 
चलो लो आ ही गया पास.
आपको था इतना विश्वास.